सदियों की तलाश
पूरी हुई इस जनम में ...
तुझे ढूंढकर .
अब शुरू हो रही है
इंतजार की घडियां ...
पूर्ण होने में अभी देर है
जन्माजन्म का चक्र .
इंतज़ार के बाद
मिलन भी
सदियों तक .
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मैं हिन्दी, कम्प्यूटर, प्रोग्रामिंग, आध्यात्मिकता, स्नेह और संबंध में रूचि रखता हूं. बीत गई सो बात गई ................. Interested in Hindi, Computer programming, Spirituality, Love and Relationship............................. "Damage done can not be undone. Remedy lies in 'How to recover it?' "
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3 comments:
कविता अच्छी लगी । दो एक शब्दों को ठीक कर लेंगे तो बढ़िया रहेगा ।
पूरी हुई ईस जनम में ...(इस)
इंतझार के बाद ...(इंतजार)
घुघूती बासूती
Now, i am ur fan 4 ur creation. I like to read all of dis and i also write some. best of luck uncle
विजय कुमारजी
मुझे तो आपकी सारी कविताए भाइ।
कविता करना मेरी दृष्टिमे सबसे उंची प्रतिभाकी अभिव्यक्ति है। बरगद के पेड वाली कविता मुझे कुछ अधिक अच्छी लगी--- एक गहन चित्र खिंचने मे, न्यून तम शब्दोसे, आप सफल हो पाए, ऐसा मुझे प्रतीत हुआ।
डॉ. मधुसूदन झवेरी
University of Massachusetts.
Dartmouth
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